
प्लाज़्मा अनुसंधान संस्थान, भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (पऊवि) के अंतर्गत अनुसंधान एवं विकास का एक स्वायत्त संस्थान है। गुजरात की साबरमती नदी के पास स्थित यह संस्थान बड़े पैमाने पर प्लाज़्मा विज्ञान में सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक अध्ययनों में शामिल है जिसमें बुनियादी प्लाज़्मा भौतिकी, चुंबकीय रूप से सीमित तप्त प्लाज़्मा और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए प्लाज़्मा प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं। संस्थान के पास दो परिचालन टोकामॅक (नियंत्रित ताप नाभिकीय संलयन हेतु मशीन) आदित्य और स्थिर अवस्था टोकामॅक (एसएसटी)-1 हैं। गांधीनगर में स्थित एफसीआईपीटी, इटर-भारत और गुवाहाटी में स्थित सीपीपी-आईपीआर, संस्थान(आईपीआर) के अंतर्गत तीन प्रभाग हैं।
12वीं इंडियन न्यूक्लियर सोसाइटी (आईएनएस) वेबिनार ऑन डिप्लॉयएबल टेक्नोलॉजीज फ्रॉम प्लाज्मा साइंस: प्रेजेंट-डे एंड फ्यूचर बाय डॉ. शशांक चतुर्वेदी, डायरेक्टर आईपीआर, 25-दिसंबर-2021 को आयोजित
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पीएच.डी. भौतिकी-2021
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आईटीईआर परियोजना के लिए "मेक इन इंडिया" क्रायोलाइन्स
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